ABOUT WORLD WAR 2 द्वितीय विश्व युद्ध की पूरी जानकारी ।और क्यों हुआ दुतीय विश्व युद्ध ?
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आज हम बात करेगे दुतीय विश्व युद्ध की । प्रथम विश्व युद्ध के परिणामस्वरूप दुनिया भर में परिवर्तन हुआ जिनके कारण यूरोप में कई ऐसी घटनाए हुई जिन्होंने दुतीय विश्व युद्ध के लिए उपयुक्त वातावरण बनाया । इस समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना जर्मनी और ईटली में नाजीवाद और फासीवाद की विजय थी ।इस विजय ने दुतीय विश्व युद्ध के द्वार खोल दिया । 1 सितम्बर सन् 1939 ई से दुतीय विश्व युद्ध पारंभ हो गया । जो 2 सितंब सन्1945 ई तक लगातार चला।वह विश्व इतिहास का सबसे भयानक युद्ध था । प्रथम विश्व युद्ध के बाद विजेता राष्ट्रों ने पराजाति राष्ट्रों को जिस प्रकार अपमानित किया गया , उसी के परिणाम स्वरूप संसार को एक और महान विनास लीला धेखने को मिली ।
फाश का यह कथन 'वर्साय की संधि पत्र वास्तविक शांति न हो कर बीस वर्ष का एक विराम कल था। ' सत्य सिद्ध हुआ।
द्वितीय विश्व युद्ध में लगभग 70 देशों ने भाग लिया था। इस युद्ध में सेनाएँ दो हिस्सों में विभाजित थीं। एक तरफ मित्र राष्ट्र सेना और दूसरी और धुरी राष्ट्र सेना। इस महायुद्ध में विश्व के लगभग 10,000,0000 (दस करोड़) सैनिकों ने हिस्सा लिया था। इस भयंकर युद्ध में अंदाजन 5 से 7 करोड़ लोगों को जानें गईं थी। दूसरा विश्व युद्ध यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, साउथ ईस्ट एशिया, चाइना, मिडल ईस्ट, और मेडिटेरियन नोर्थन अफ्रीका में लड़ा गया था।
द्वितीय विश्व युद्ध की सेनाओं के जनरल और कमांडर्स:
- मित्र राष्ट्र सेना: जोसफ स्टेलिन, फ्रेंकलिन डि॰ रूज़ल्वेल्ट, विंस्टन चर्चिल, चियांग काई शेक, चार्ल्स डि गौले।
- धुरी राष्ट्र सेना: एडोल्फ हिटलर, हिरोहिटों, बेनिटो मुसोलिन।
आखिर क्यों हुआ दुतीय विश्व युद्ध ?
दुतीय विश्व युद्ध के कारण इस प्रकार है-
1. वर्साय की संधि -
वास्तव में विश्व युद्ध वर्साय की संधि का परिणाम था । वर्साय की संधि ने यूरोप में प्रतिशोध का जो बिज बोया , वह कालान्तर में दुतीय विश्व के रूप में प्रफुलित हुआ । प्रथम विश्व युद्ध के बाद विजेता (मित्र राष्ट्र ) ने वर्साय की संधि का कड़वा घुट पिने के लिए जर्मनी को बाध्य कर दिया । इस अनयाय पुर्ण संधि के द्वारा जर्मनी की न केवल सैन्य शक्ति को क्षीण कर दिया गया बल्कि उसके विशाल साम्राज्य को भी विघटित कर दिया ।कालान्तर में हिटलर के नेतृत्व में जर्मनी ने वर्साय संधि को न केवल अस्वीकार कर दिया बल्कि अपने अपमान का बदला लेने के लिए उसने दुतीय विश्व युद्ध का प्रारम्भ कर दिया ।
2. उग्र राष्टीयता की भावना - :
दुतीय विश्व के पूर्व शक्तिसम्पन्न राष्ट्रों में उग्र राष्टीयता की भावना पनप रही थी । इटली मुसोलिनी तथा जर्मनी ने हिटलर इसके उदाहरण थे।
3. तात्कालिक कारण :-
तानाशाह हिटलर ने 1 सितम्बर 1939 ई को पोलैंड पर आकमण कर दिया । पोलैंड की रक्षा के लिए इग्लैंड और फ़्रांस ने जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोसना कर् दी। इस प्रकार धीरे धीरे दुतीय विश्व युद्ध प्रारम्भ हो गया ।
दुतीय विश्व युद्ध का अंत कैसे हुआ?
पर्ल हार्बर पर जापानी आक्रमण के पति शोध में अमिरका ने 6 अगस्त को जापान के हिरोशिमा और 9 अगस्त को नागासाकी नगरो पर् परमाणु बम गिराया । इस घटना से जापान में भारी जन -धन की हानि हुई और विवश हो कर जापान ने 14 अगस्त 1945 ई को मित्र राष्ट्रों के समक्ष आत्म समपर्ण कर दिया । इधर मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी पर सीधा आक्रमण कर दिया । जर्मनी की पराजय अवश्यम्भावी धेख कर ने 1 मई को आत्म हत्या कर ली । इसके बाद एडमिरल डो निज ने जर्मनी के प्रधान का पद ग्रहण किया तथा 2 मई , सन् 1945 ईं को मित्र राष्ट्रों के सामने घुटने टेक दिए । 2 सितम्बर 1945 को जर्मनी और जापान के आत्मसमपर्ण के साथ दुतीय विश्व युद्ध का अंत् हुआ ।
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